95650 करोड़ का बजट सदन में पेश, पूरा भाषण यहां पढ़ें
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को सदन में वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत किया। यह बजट मुख्य रूप से गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ - स्वस्थ एवं सुपोषित नई युवा पीढ़ी का निर्माण की भावना के साथ सुपोषण, स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं विस्तार तथा युवाओं की ऊर्जा का सकारात्मक एवं उत्पादक रूप में उपयोग कर उनकों राज्य के सशक्त संसाधन के रूप में विकसित करने पर केन्द्रित बताया गया है।
सीएम ने अपने बजट भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि यह बजट सर्वेभवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: की भावना के साथ किसानों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में प्रगति के नए सोपान, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के विकास, युवाओं की ऊर्जा का उत्पादक संसाधन के रूप में अनुप्रयोग, शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना के सुदृढीकरण तथा संवेदनशील प्रशासन की अवधारणा के साथ छत्तीसगढ़ जनता को समर्पित है।
आर्थिक स्थिति-
वर्ष 2019-20 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी मंे 6.08 प्रतिशत की तुलना में त्वरित अनुमान अनुसार 7.06 प्रतिशत की वृद्धि संभावित। वर्ष 2019-20 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.31 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 4.94 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित।
इस प्रकार कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमश: 2.8 एवं 2.5 प्रतिशत की तुलना में अधिक है। प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2018-19 में 3 लाख 04 हजार करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 3 लाख 29 हजार करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.26 प्रतिशत अधिक।
विगत वर्ष अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 96 हजार 887 की तुलना में वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 98 हजार 281 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 6.35 प्रतिशत अधिक। वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में राज्य के लिये अनुमानित केन्द्रीय करों में कमी। आगामी वर्ष में केन्द्र से प्राप्त होने वाली जीएसटी क्षतिपूर्ति में भी कमी संभावित, किन्तु राज्य सरकार की नीतियों एवं प्रयासों से राज्य के स्वयं के संसाधनों में 11 प्रतिशत की दर से वृद्धि।
गढ़बो नवा छत्तीसगढ़: स्वस्थ और सुपोषित नई युवा पीढ़ी का निर्माण-
राज्य के सभी परिवार सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शामिल। राज्य में 65 लाख 22 हजार राशन कार्डधारी, लाभान्वित जनसंख्या 2 करोड़ 43 लाख। इन राशन कार्डाें पर चावल प्रदाय हेतु 3 हजार 410 करोड़ का प्रावधान। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य इलाकों में प्रति परिवार 2 किलो चना वितरण के लिए 171 करोड़ का प्रावधान है। बस्तर संभाग में प्रति परिवार 2 किलो गुड़ वितरण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
कोण्डागांव में आयरन एवं विटामिन युक्त फोर्टिफाईड चावल वितरण की पायलट परियोजना के लिए 5 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है। महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से प्रारंभ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ की जा रही है। इसके लिए 60 करोड़ का प्रावधान है।
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये ऊंचाई, लंबाई एवं भार मापक यंत्रों की व्यवस्था के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है। विशेष पोषण आहार योजना में 766 करोड़, महतारी जतन योजना में 31 करोड़ का प्रावधान है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को 5 लाख रूपये एवं सामान्य राशन कार्ड वाले परिवारों को 50 हजार तक कैशलेस इलाज की सुविधा।
लगभग 65 लाख परिवारों को इलाज की पात्रता व इसके लिए 550 करोड़ का प्रावधान। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर बीमारियों के उपचार पर 20 लाख तक के व्यय हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में 13 करोड़ का प्रावधान।
5 माह की अल्प अवधि में ही 11 लाख से अधिक मरीज लाभान्वित। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 13 नगर निगमों के स्लम एरिया में निवासरत परिवारों को नि:शुल्क स्वास्थ्य परामर्श, जांच उपचार एवं दवाईयां उपलब्ध कराने की व्यवस्था। राज्य सिकलसेल संस्थान में उच्च स्तरीय प्रयोगशाला एवं सभी जिला अस्पतालों में सिकलसेल यूनिट की स्थापना की जाएगी। एम.सी.आई. के मापदण्डों के अनुरूप चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा उपकरण और स्किल लैब की स्थापना हेतु 75 करोड़ का प्रावधान है।
सिंचाई-
बस्तर संभाग मंे बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से 2 लाख 66 हजार हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है। पैरी बांध एवं पैरी-महानदी इंटर लिंकिंग नहर परियोजना के लिए 20 करोड़, डांडपानी वृहद जलाशय परियोजना, कुनकुरी के लिए 20 करोड़ एवं शेखरपुर वृहत् जलाशय, सरगुजा के लिए 20 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।
नाबार्ड सहायित सिंचाई परियोजनाओं हेतु 697 करोड़, महानदी परियोजना हेतु 237 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं हेतु 610 करोड़ तथा एनीकट/स्टाप डैम निर्माण के लिए 173 करोड़ का प्रावधान है। कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई की पूर्ति हेतु भी 116 करोड़ का प्रावधान है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास-
नरवा गरूवा घुरूवा बारी कार्यक्रम के तहत 912 नालों पर नरवा उपचार के लिये 20 हजार 810 काम स्वीकृत किये गए हैं। 1 हजार 900 गोठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। घुरूवा का उपयोग कर 3 लाख 16 हजार मैट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन किया गया है। 1 लाख 50 हजार बाड़ियों को पुनर्जीवित करने का कार्य हुआ है। इन कार्याें के लिये महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अभिसरण से राशि की स्वीकृतियां दी गई हैं।
योजना में 1 हजार 603 करोड़ का प्रावधान है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 400 करोड का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अब तक 7 लाख 22 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। आगामी वर्ष में इस हेतु 1 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है। गोबर धन योजना अंतर्गत 1 हजार 176 बायोगैस संयंत्र के स्थापना का भी लक्ष्य है। इस हेतु 450 करोड़ का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2 हजार 70 करोड़ का प्रावधान है।
स्वच्छ पेयजल-
नल कनेक्शन के माध्यम से पेय जल हेतु प्रारंभ की गई जल जीवन मिशन योजना के लिये 225 करोड़ का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप द्वारा ग्रामीण जल प्रदाय योजना के लिए 185 करोड़ तथा नलकूप खनन के लिए 70 करोड़ का प्रावधान है। नगरीय जल प्रदाय योजनाओं के लिए 124 करोड़ का प्रावधान है। राज्य में निर्मित हो रहे गोठानों में जल प्रदाय हेतु नलकूप खनन के लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।
शैक्षणिक विकास-स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा-
राज्य के 1 लाख 31 हजार शिक्षाकर्मियों को संविलियन हो चुका है। शेष 16 हजार शिक्षाकर्मियों में से 2 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से संविलियन किया जाएगा। महान संत गुरू घासीदास की जन्मस्थली ग्राम गिरौदपुरी में गुरूकुल विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
दूरस्थ आदिवासी अंचल के ग्राम तोंगपाल, जिला सुकमा एवं कुआकोंडा, जिला दंतेवाड़ा में छात्रावास की सुविधा सहित नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। सुुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, बीजापुर एवं तखतपुर में कन्या महाविद्यालय खोला जाएगा। महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन की स्मृति में ग्राम कंडेल, जिला धमतरी में महाविद्यालय प्रारंभ किया जाएगा।
स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित मानव संसाधन की पूर्ति हेतु औद्योगिक क्षेत्र सिरगिट्टी, नगरनार एवं तिल्दा में नवीन आई.टी.आई. खोले जाएंगे। दंतेवाड़ा में मल्टी स्किल सेंटर की स्थापना के लिए 3.85 करोड़ का प्रावधान है। मुख्यमंत्री पॉलीटेक्निक गुणवत्ता विकास योजना के तहत 9 पॉलीटेक्निक कॉलेज के उन्न्यन हेतु 5 करोड़ का प्रावधान है। राज्य के 3 इंजीनियरिंग कॉलेज एवं 5 पॉलीटेक्निक कॉलेजों में नव विकसित तकनीकों के अध्ययन व शोध हेतु इंटरनेट ऑफ थिंग्स व रोबोटिक्स की प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएगी।
श्रम एवं समाज कल्याण-
निराश्रितों, बुजुर्गाें, विधवा महिलाओं एवं नि:शक्त व्यक्तियों को समय पर सहायता उपलब्ध कराने के लिये सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में 352 करोड़, वृद्धावस्था पेंशन योजना में 185 करोड़ और मुख्यमंत्री पेंशन योजना मेें 150 करोड़ का प्रावधान है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना में 68 करोड़ तथा सुुखद सहारा योजना में 100 करोड़ का प्रावधान है।
दिव्यांगजनों के लिये नि:शक्तजन पुनर्वास केन्द्र, मादक द्रव्यों एवं पदार्थाें की रोकथाम एवं नशामुक्ति केन्द्र का संचालन तथा तृतीय लिंग समुदाय से संबंधित योजनाओं हेतु 5 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है। असंगठित श्रमिक सुरक्षा एवं कल्याण मण्डल हेतु 38 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। ठेका मजदूर, घरेलू कामकाजी महिला एवं हम्माल कल्याण मण्डल हेतु 15 करोड़ का प्रावधान है।
युवा कल्याण-
युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के रायपुर स्थित निवास स्थान डे-भवन को स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। राजीव युवा मितान क्लब योजना के लिए नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है। युवा महोत्सव के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले राज्य के युवाओं के शिक्षण शुल्क का भार शासन द्वारा वहन किया जाएगा तथा ऐसे युवाओं की प्रतिभा का राज्य के विकास में उपयोग करने के लिए शासकीय, अर्द्धशासकीय संस्थानों में सीधे चयन की पात्रता दी जाएगी।
खेल संबंधी नीतिगत निर्णय, विभिन्न् विभागों से समन्वय, खेल अधोसंरचनाओं का रख-रखाव तथा आवासीय खेल अकादमी के संचालन हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के लिए नवीन मद में 10 करोड़ का प्रावधान है।
औद्योगिक विकास-
नई औद्योगिक नीति 2019 का मुख्य उद्देश्य समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता व परिपक्व अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। उद्योगों के लिए आबंटित किए जाने वाले भू-खण्ड की दरों में 30 प्रतिशत व लीज रेन्ट की दर में 33 प्रतिशत कमी की गई है। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में 20 एकड़ तक के निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की अनुमति देते हुए अधोसंरचनात्मक विकास कार्याें के विरूद्ध 4 करोड़ तक का अनुदान देने का प्रावधान है।
राज्य में उत्पादित सब्जी, फल व मोटे अनाजों को प्रसंस्कृत कर मूल्य संवर्धन की दृष्टि से उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए नए फूड पार्क की स्थापना हेतु नवीन मद में 50 करोड़ का प्रावधान है। नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 15 करोड़ व जेम ज्वेलरी पार्क की स्थापना के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है। उद्योगों की स्थापना पर दी जाने वाली लागत पूंजी अनुदान के लिए 100 करोड़ व ब्याज अनुदान के लिए 39 करोड़ का प्रावधान है।
वन संपदा-
प्राकृतिक पुनरोत्पादन के संरक्षण हेतु 200 करोड़ का प्रावधान है। इससे 60 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा व राज्य की सालाना आय में 400 करोड़ की वृद्धि संभावित है। लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास-
शहरी नागरिकों की बुनियादी समस्याओं का निराकरण वार्ड स्तर पर करने के लिए मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना प्रारंभ की गई है। इस हेतु 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 13 नगर निगम क्षेत्र के निवासियों के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना प्रारंभ की जा रही है। इस हेतु 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
पौनी-पसारी योजना के लिए 30 करोड़ का प्रावधान है। नगरीय क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 489 करोड़, स्मार्ट सिटी योजना के लिए 396 करोड़, अमृत मिशन के लिए 300 करोड़ व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।
अजा, अजजा व अन्य पिछड़े वर्गाें का कल्याण-
अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों के लिये 61 नए छात्रावास खोलने सहित कुल छात्रावास/आश्रमों के संचालन के लिये 378 करोड़ का प्रावधान है। नवीन मद में 100 भवन विहीन छात्रावास/आश्रमों के भवन निर्माण सहित कुल छात्रावास/आश्रम निर्माण कार्याें के लिये विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना में 303 करोड़ का प्रावधान है। जनजाति सलाहकार परिषद् के कामकाज के लिये पृथक सचिवालय की स्थापना की जाएगी।
दिसंबर 2019 में रायपुर में आयोजित देश के सबसे बड़े आदिवासी नृत्य महोत्सव की सफलता को देखते हुए प्रतिवर्ष राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के दौरान नि:शुल्क आवासीय सुविधा के लिये 10 पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना की जाएगी। सरगुजा एवं बस्तर संभाग एवं कोरबा जिले के लिए जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन किया गया है।
शिल्प, कला, संस्कृति एवं पर्यटन-
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान का केन्द्र बन चुके रायपुर के गढ़-कलेवा की अन्य 26 जिला मुख्यालयों में स्थापना के लिए स्व-सहायता समूहों को 10 लाख का रिवॉल्विंग फंड उपलब्ध कराया जायेगा। मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है। नवा रायपुर में अभिलेखागार एवं संग्रहालय का निर्माण तथा जगदलपुर एवं बिलासपुर के संग्रहालयों का उन्न्यन किया जाएगा।
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभाग के बजट में 75 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 103 करोड़ 50 लाख का प्रावधान किया गया है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत श्रीराम-जानकी द्वारा उपयोग किए गए मार्ग पर चिन्हांकित 9 प्रमुख पर्यटन केन्द्रों पर अधोसंरचना विकास व निर्माण के लिए 10 करोड़ का प्रावधान है। एकीकृत ई-शासन परियोजना शुरू की गई है।
वर्तमान प्रणाली में पृथक-पृथक सेवाओं के लिए नागरिकों को बार-बार पहचान पत्र व अन्य दस्तावेज जमा करने पड़ते हैं। उक्त परेशानियों को दूर करने के लिए आधुनिक सूचना और संचार तकनीक का उपयोग कर सक्रिय एवं कुशल नागरिक सेवा वितरण प्रणाली का निर्माण किया जाएगा।
राजस्व प्रशासन-
11 नगर निगम क्षेत्रों के लिये 1 अनुपात 500 के बड़े स्केल वाले नक्शे तैयार किये जाएंगे। नगर निगम क्षेत्रों के सर्वेक्षण कार्य हेतु नवीन मद में 25 करोड़ का प्रावधान है। 5 तहसील कार्यालयों के मॉडल भवन, 25 नये तहसील कार्यालय एवं 4 नए राजस्व अनुविभाग की स्थापना की जाएगी। 10 फरवरी 2020 से अस्तित्व में आ चुके नवीन जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 17 करोड़ की लागत से जिला कार्यालय भवन निर्माण किया जाएगा। इन कार्याें हेतु 11 करोड़ 80 लाख का प्रावधान है।
पुलिस प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था-
समाज में बढ़ते हुए साइबर अपराधों की संख्या को देखते हुए 1 साइबर पुलिस थाना की स्थापना की जाएगी। 3 स्मार्ट पुलिस थाना, 5 नवीन थाना, 10 चैकी एवं 5 पुलिस अनुविभाग कार्यालय भवन, रायपुर एवं दुर्ग में पुलिस ट्रांजिट भवन तथा बस्तर रेंज में पुलिस कर्मचारियों के लिये 1 हजार आवास गृहों के निर्माण हेतु 22 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
5 थाना, 10 चौकी निर्माण, 10 चौकी से थाने में उन्न्यन किया जाएगा। बेमेतरा, गरियाबंद, संजारी बालोद, बलौदाबाजार, सूरजपूर, मुंगेली, सुकमा एवं पेण्ड्रारोड के उपजेल को जिला जेल में उन्न्यन किया जाएगा। जेलों की व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करने के लिये जेल सुधार आयोग का गठन किया जाएगा। माननीय उच्च न्यायालय एवं सभी सिविल जिलों में लंबित मामलों में पक्षकारों के बीच समझौता कराने के लिए मध्यस्थता केन्द्र खोला जाना प्रस्तावित हैै।
अधोसंरचना विकास-
एशियन विकास बैंक की सहायता से राज्य में सड़क विकास परियोजना (फेज़-3) के अंतर्गत कुल 3 हजार 535 करोड़ लागत की 25 नवीन सड़कों हेतु 710 करोड़ का प्रावधान है। वर्ष 2020-21 में एडीबी सहायित सड़क विकास योजना की चौथे चरण की स्वीकृति भी प्राप्त की जाएगी। नवीन वृहद पुल निर्माण हेतु 240 करोड़ 50 लाख एवं नवीन मध्यम पुल निर्माण की जवाहर सेतु योजना के अंतर्गत 151 करोड़ का प्रावधान है।
सड़क एवं पुल निर्माण के नवीन कार्यों के लिए 600 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है। इनमें 434 ग्रामीण सड़कें, 88 मुख्य जिला मार्ग, 50 राज्य मार्ग व 31 शहरी मार्गों का निर्माण किया जायेगा। 500 व 750 सीट की क्षमता वाले 11 नवीन ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त संभागीय मुख्यालयों दुर्ग, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर में 3 हजार 500 सीटर क्षमता के 3 नवीन इन्डोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिये नवीन मद में 54 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। नवा रायपुर में झीरम घाटी के शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण किया जाएगा। जगदलपुर, अंबिकापुर एवं बिलासपुर एयरपोर्ट में आटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर की स्थापना हेतु 7 करोड़ 20 लाख का प्रावधान है। बैकुण्ठपुर (कोरिया) में एयर स्ट्रीप के निर्माण हेतु 1 करोड़ का प्रावधान है।
परिवहन-
वाहनों में ओवर लोडिंग की जांच के लिये वे-ब्रिज की स्थापना हेतु 9 करोड़ का प्रावधान है। सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा के लिये वाहनों में जीपीएस के ट्रैकिंग हेतु ह्वीकल टैन्नकिंग प्लेटफार्म का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 14 करोड़ 40 लाख का प्रावधान है।
विद्युतीकरण-
मुुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना के लिये 25 करोड़ का प्रावधान है। घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक के बिजली बिल आधा के लिये 850 करोड़ का प्रावधान है। मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना में 135 करोड़ का प्रावधान है।
वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान-
वर्ष 2020-21 हेतु कुल राजस्व प्राप्तियां 83 हजार 831 करोड़ अनुमानित है। इसमें राज्य का राजस्व 35 हजार 370 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त होने वाली राशि 48 हजार 461 करोड़ है। वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल व्यय 1 लाख 2 हजार 907 करोड़ का है।
सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुर्न प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 81 हजार 400 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 13 हजार 814 करोड़ है। वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.44 प्रतिशत है। वर्ष 2020-21 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 38 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 22 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
राजकोषीय स्थिति-
22.1 इस बजट में पूर्व वर्षों की भांति 2 हजार 431 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित किया गया है। राज्य का सकल वित्तीय घाटा 11 हजार 518 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.18 प्रतिशत एवं निर्धारित सीमा के भीतर है। वर्ष 2020-21 हेतु कुल प्राप्तियां 96 हजार 91 करोड़ के विरूद्ध शुद्ध व्यय 95 हजार 650 करोड़ अनुमानित है। इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 441 करोड़ की बचत अनुमानित है। वर्ष 2019-20 के संभावित घाटा 3 हजार 963 करोड़ को शामिल करते हुए वर्ष 2020-21 के अंत में 3 हजार 522 करोड़ का बजट घाटा अनुमानित है।
कर प्रस्ताव-
2020-21 के लिए कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है।
बजट एक नजर में
कुल आय- 96.091 करोड़
कुल व्यय- 95.650 करोड़
राजकोषीय घाटा- 11.518 (राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.18 प्रतिशत)
क्षेत्रवार व्यय-
राजस्व व्यय- 81.400 (85.1 प्रतिशत)
पूंजीगत व्यय- 13.814 (14.9 प्रतिशत)
अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के लिए व्यय
34 प्रतिशत
अनुसूचित जाति क्षेत्र के लिए व्यय- 12 प्रतिशत
सामाजिक क्षेत्र में व्यय- 38 प्रतिशत
आर्थिक क्षेत्र में व्यय- 40 प्रतिशत
सामाजिक क्षेत्र पर व्यय के मुख्य अवयव-
स्कूल शिक्षा- 16.2 प्रतिशत
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास- 2.5 प्रतिशत
स्वास्थ्य- 5.8 प्रतिशत
महिला एवं बाल विकास- 2.4 प्रतिशत
आर्थिक विकास दर-
8.26 प्रतिशत
5.0 प्रतिशत
कृषि विकास दर-
3.31 प्रतिशत
2.8 प्रतिशत
औद्योगिक विकास दर-
4.94 प्रतिशत
2.5 प्रतिशत
सेवा क्षेत्र विकास दर-
6.6 प्रतिशत
6.9 प्रतिशत
प्रति व्यक्ति आय-
(प्रचलित भाव पर)
98.281
(6.35 प्रतिशत की वृद्धि)