अब बच्चों को पहले से बेहतर पौष्टिक भोजन मिलने की आस
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सभी जिलों की आंगनबाड़ियों के बच्चों और विशेष रूप से चिन्हांकित किए गए कुपोषित बच्चों को अब पहले से बेहतर पौष्टिक भोजन मिलेगा। दूध, अंडा, चना, केला एवं अन्य अनाज की मात्रा कम मिलने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे थे। इस पर सरकार ने काफी हद तक नियंत्रण पाया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार के बजट में अब कुपोषण को जड़ से खत्म करने की दिशा में जो प्रावधान किया गया है, उससे निश्चित रूप से कुपोषण पर अंकुश लगेगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। छत्तीसगढ़ में 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं। उनके बच्चों को ढंग का खाना नसीब नहीं होता। पांच साल तक के 35 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। साथ ही 40 प्रतिशत माताएं कुपोषित हैं। हालांकि वर्तमान में कुपोषित माताओं और बच्चों को अंडा या केला, खजूर दिया जा रहा है। सामाजिक संस्थाएं भी मदद करती हैं, लेकिन फिर भी कुपोषण पूरी तरह खत्म नहीं हो पा रहा है। अब उम्मीद है कि सरकार ने जो प्रावधान किया है, उससे खानपान का स्तर बेहतर होगा।