छापेमारी में मिली 150 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति
रायपुर । छत्तीसगढ़ में अब तक के सबसे बड़े आयकर छापे में 150 करोड़ से ज्यादा की अघोषित संपत्ति मिली है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने सोमवार को एक बयान जारी करके बताया कि छत्तीसगढ़ में ब्यूरोक्रेट्स, हवाला कारोबारी और शराब कारोबारियों पर हुई छापेमारी में अब तक मिले दस्तावेज के आधार पर यह अघोषित संपत्ति मिली है। आगे की जांच में यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान बताया गया है। आयकर विभाग, ईडी और अन्य एजेंसियों ने विश्वस्त इनपुट के आधार पर रायपुर में 28 फरवरी को एक साथ 25 ठिकानों पर कार्रवाई शुरू की थी। शराब और माइनिंग कारोबारियों से बड़ी मात्रा में नगद राशि भी जब्त की गई है।
सीबीडीटी के आधिकारिक प्रवक्ता और मीडिया और तकनीकी नीति सुरभि अहलूवालिया ने बताया कि नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई। इसके साथ ही शैल कंपनी के माध्यम से करोड़ों की हेराफेरी की गई। सभी ठिकानों से बड़ी मात्रा में जमीन और अन्य दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नगदी जब्त की गई है।
इन अफसरों और कारोबारियों पर हुई जांच
पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, प्रमुख सचिव अनिल टुटेजा, उनकी पत्नी मीनाक्षी टुटेजा, मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव सौम्या चौरसिया, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, उनके भाई अनवर ढेबर, डॉ. ए फरिश्ता, कारोबारी गुरुचरण होरा, कमलेश जैन, सीए अजय सिंघवानी, संजय संचेती और आबकारी विभाग के ओएसडी त्रिपाठी के ठिकानों पर जांच की गई।
लैंड बैंक और कोलकाता की शैल कंपनी में निवेश
आयकर की जांच में यह जानकारी मिली है कि अधिकारियों और कारोबारियों ने कर्मचारी के नाम पर कई बैंक खाते खोले और उसमें करोड़ों का लेनदेन किया। कर्मचारियों के नाम पर सैकड़ों की संख्या में खाते मिल हैं। कोलकाता की शैल कंपनी में निवेश और लैंड बैंक की जानकारी भी मिली है। बैंक लॉकर और न प्रतीकात्मक चित्र अन्य की जांच जारी है।