देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कैंटीन में अब नहीं मिलेंगी ये चीजें
इंदौर। शैक्षणिक संस्थानों में फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने वाला यूजीसी का आदेश दो साल पुराना है, लेकिन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अपने परिसर में कचौड़ी-समोसे पर सख्ती से प्रतिबंध नहीं लगा पाया है। फिर एक बार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने का दिखावा कर रहा है। दो दिन पहले विश्वविद्यालय की कमेटी ने बैठक बुलाई, जहां सेहत खराब करने वाले खाद्य पदार्थों को कैंटीन से हटाने पर बातचीत हुई। अब विवि प्रशासन कचौड़ी-समोसे जैसे नाश्ते के विकल्प ढूंढने में लगा है। इसके लिए खंडवा रोड स्थित कैंटीन संचालक और आईसीएच (इंडियन कॉफी हाउस) से पूछा है कि इनके अलावा क्या बेचा जा सकता है? जवाब दस दिनों में मांगा गया है। दरअसल यूजीसी ने 2018 में एक आदेश निकाला था। इसमें सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे जंक यानी फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने की बात उठी थी। इससे विद्यार्थियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
इन्हें बताया था पौष्टिक पदार्थ
पोहा, पराठा, सेवइयां, छोटे चावल, छोटे भटूरे (रायता व ग्रीन सलाद देना जरूरी), राजमा चावल, इडली डोसा, साबूदाना, वेज सैंडविच (आटा ब्रेड), पनीर टिक्का, खिचड़ी, नारियल पानी, लेमन वाटर, मिल्क शेक, रोस्टेड कॉर्न, ब्वाइल्ड कॉर्न, भेल और सत्तू।
2018 में इन पदार्थों पर लगी थी पाबंदी
2018 में कमेटी ने करीब 20 खाद्य पदार्थों को सेहत के लिहाज से सही नहीं माना था।
गजानन कैंटीन : शीतल पेय, समोसा, कचौड़ी, आलूबड़ा, ब्रेड पकौड़ा, ब्रेड बटर, पावभाजी, हॉट डॉग, मैगी, बटर मैगी, चीज मैगी, सैंडविच, बैक समोसा, वेज मंचूरियन।
आईसीएच : शीतल पेय, सोडा, लेमन सोडा, आइसक्रीम, आलू चिप्स, ब्रेड पकौड़ा, ब्रेड जैम, ब्रेड बटर, टोस्ड जैम, वेज मंचूरियन।