देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कैंटीन में अब नहीं मिलेंगी ये चीजें

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कैंटीन में अब नहीं मिलेंगी ये चीजें


इंदौर। शैक्षणिक संस्थानों में फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने वाला यूजीसी का आदेश दो साल पुराना है, लेकिन देवी अहिल्या विश्वविद्यालय अपने परिसर में कचौड़ी-समोसे पर सख्ती से प्रतिबंध नहीं लगा पाया है। फिर एक बार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने का दिखावा कर रहा है। दो दिन पहले विश्वविद्यालय की कमेटी ने बैठक बुलाई, जहां सेहत खराब करने वाले खाद्य पदार्थों को कैंटीन से हटाने पर बातचीत हुई। अब विवि प्रशासन कचौड़ी-समोसे जैसे नाश्ते के विकल्प ढूंढने में लगा है। इसके लिए खंडवा रोड स्थित कैंटीन संचालक और आईसीएच (इंडियन कॉफी हाउस) से पूछा है कि इनके अलावा क्या बेचा जा सकता है? जवाब दस दिनों में मांगा गया है। दरअसल यूजीसी ने 2018 में एक आदेश निकाला था। इसमें सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे जंक यानी फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने की बात उठी थी। इससे विद्यार्थियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।



बाकायदा विश्वविद्यालय ने 1 सितंबर 2018 में तक्षशिला परिसर और आईईटी कैंटीन व आईसीएच के मैन्यू से 20 आइटम हटाने पर जोर दिया था। तभी एक कमेटी बनी थी, जिसने रिपोर्ट में कुछ खाद्य पदार्थ पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ने आदेश निकाला। मगर उसका सख्ती से पालन नहीं हो सका। बताया जाता है कि कैंटीन संचालक के कहने पर कुछ विद्यार्थी फास्ट फूड पर से प्रतिबंध हटवाने के लिए तत्कालीन कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ से भी मिले थे। मगर बात नहीं बन पाई। सूत्रों के अनुसार अधिकारियों की लापरवाही से सालभर में ही आदेश की हवा निकल गई। अब फिर एक बार फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। शनिवार को कमेटी की बैठक हुई। इसमें छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ. एलके त्रिपाठी, डॉ. माया इंगले, कैम्पस प्रभारी डॉ. दीपक मेहता और न्यूट्रीशियन के बीच चर्चा हुई। वहां कैंटीन संचालक और आईसीएच प्रबंधन को बुलाया।



 

विकल्प के साथ बताना होंगे दाम : कमेटी की अगली बैठक में कैंटीन संचालक और आईसीएच प्रबंधन को कचौड़ी-समोसे समेत अन्य फास्ट फूड (नाश्ते) के विकल्प बताना है। साथ ही कमेटी सदस्यों ने इनके दाम का भी उल्लेख करने पर जोर दिया है। कमेटी ने विकल्प के रूप में कम दाम वाले आइटम की सूची मांगी है जिससे विद्यार्थियों की जेब पर अधिक भार नहीं आए। छात्र कल्याण संघ के अध्यक्ष डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अगली बैठक में न्यूट्रीशियन की तरफ से खाद्य पदार्थ को लेकर एक सूची प्रस्तुत होगी। इस पर चर्चा के बाद खाद्य पदार्थों की बिक्री पर फैसला लिया जाएगा।


इन्हें बताया था पौष्टिक पदार्थ


पोहा, पराठा, सेवइयां, छोटे चावल, छोटे भटूरे (रायता व ग्रीन सलाद देना जरूरी), राजमा चावल, इडली डोसा, साबूदाना, वेज सैंडविच (आटा ब्रेड), पनीर टिक्का, खिचड़ी, नारियल पानी, लेमन वाटर, मिल्क शेक, रोस्टेड कॉर्न, ब्वाइल्ड कॉर्न, भेल और सत्तू।


2018 में इन पदार्थों पर लगी थी पाबंदी


2018 में कमेटी ने करीब 20 खाद्य पदार्थों को सेहत के लिहाज से सही नहीं माना था।


गजानन कैंटीन : शीतल पेय, समोसा, कचौड़ी, आलूबड़ा, ब्रेड पकौड़ा, ब्रेड बटर, पावभाजी, हॉट डॉग, मैगी, बटर मैगी, चीज मैगी, सैंडविच, बैक समोसा, वेज मंचूरियन।


आईसीएच : शीतल पेय, सोडा, लेमन सोडा, आइसक्रीम, आलू चिप्स, ब्रेड पकौड़ा, ब्रेड जैम, ब्रेड बटर, टोस्ड जैम, वेज मंचूरियन।


Popular posts
कोरोनावायरस / अमेरिकन अंबेसी 87 पैसेंजर को लेकर गया विशेष विमान, फ्लाइट चंडीगढ़ से दिल्ली रवाना
Image
ट्रेनों को चलाने पर 11 से 13 अप्रैल के बीच अंतिम निर्णय / क्योंकि रेलवे को डर घर पहुंचने की जल्दी में अलग-अलग शहरों में फंसे यात्रियों की एक साथ उमड़ सकती है भीड़
Image
कोरोना देश में LIVE / अब तक 6 हजार 245 केस: महाराष्ट्र में 162, गुजरात में 55 नए मरीज मिले; दिल्ली में 2 महिला डॉक्टरों से मारपीट करने वाला पड़ोसी गिरफ्तार
Image
जिला अस्पताल में कोरोना का पहला सेंपल लिया, दुबई से लौटे दीपक नजरबंद
कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार रेलवे / कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश में तैयार होंगे 266 आइसोलेशन कोच, जयपुर में 12 कोच तैयार
Image