इंदौर एयरपोर्ट पर पीतल की हथौड़ी को सोने का समझ बैठे अधिकारी, फिर हो गई मुश्किल

इंदौर एयरपोर्ट पर पीतल की हथौड़ी को सोने का समझ बैठे अधिकारी, फिर हो गई मुश्किल


इंदौर। कार्यक्रम कर दुबई से लौटे एक तबला वादक यात्री के पास रखी तबला ट्यून करने की छोटी हथौड़ी उसकी मुसीबत बन गई। दरअसल, पीतल की इस हथौड़ी को कस्टम अधिकारी सोने की समझ रहे थे। करीब पौने घंटे तसल्ली से जांच करने के बाद यात्री को छोड़ दिया गया। शहर में रहने वाले तबला वादक कमलेश कंडारा सोमवार देर रात 12.30 बजे दुबई से आने वाली फ्लाइट से एयरपोर्ट पहुंचे थे। उनके बैग में तबला ठीक करने वाली हथौड़ी भी थी। बैग की जांच में कस्टम अधिकारियों को यह हथौड़ी दिख गई। पीतल की इस हथौड़ी को देख अधिकारी संशय में पड़ गए और उन्हें लगा कि यह सोने की है। इसके बाद करीब पौने घंटे तक इसकी जांच होती रही। जब अधिकारी पूरी तरह से संतुष्ट हो गए कि यह हथौड़ी सोने की नहीं है और तबला ट्यून करने के लिए है, तब जाकर कमलेश को जाने दिया।


गौरतलब है कि एयरपोर्ट से दुबई फ्लाइट शुरू होने के बाद सोना पकड़ाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। यात्री कई बार सोने को शरीर में तो कई बार मिक्सर ग्राइंडर में छिपाकर इंदौर लाए हैं, लेकिन कस्टम अधिकारियों की सतर्कता के कारण वे पकड़े गए।



टेकऑफ के 21 मिनट पहले एयरपोर्ट पहुंचा यात्री, कहा- सीट खाली नहीं थी तो छोड़ गए


उधर इंदौर एयरपोर्ट पर मंगलवार सुबह हंगामा हो गया। एक यात्री ने आरोप लगाया कि जब वह एयरपोर्ट पहुंचा तो थोड़ी देर हो गई थी, लेकिन विमान में सीट खाली नहीं थी, इसलिए उसे और परिवार को लेकर नहीं गए। इधर, एयरलाइंस अधिकारियों का कहना है कि यात्री टेकऑफ के 21 मिनट पहले पहुंचा था, इसलिए उसे विमान में नहीं बैठाया गया। विमान में 70 सीटें खाली थीं।



जानकारी के मुताबिक यात्री गोवर्धन दलवानी, अपने चचेरे भाई भारत माधवानी और भानजे ईश्वर पोपटानी के साथ सुबह एयरपोर्ट पहुंचे थे। गोवर्धन के मुताबिक उनकी एयर एशिया की 7ः30 बजे की फ्लाइट थी। वे लोग सुबह 7 बजे एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन एयर एशिया के स्टाफ ने हमें मना कर दिया कि अब बोर्डिंग पास जारी नहीं हो पाएगा। हमने उन्हें कहा कि हमारी रिश्तेदारी में गमी हो गई है, वहां जाना है, इसलिए आप एक बार कैप्टन से बात करिए। स्टाफ ने कैप्टन से वॉकी-टॉकी से बात की तो उसका कहना था कि विमान में केवल दो सीटें खाली हैं और ये तीन यात्री हैं, इसलिए इन्हें ले जाना संभव नहीं है। इसके बाद काफी देर तक विवाद होता रहा। बाद में यात्री ने दूसरी एयरलाइंस का टिकट लिया और रवाना हुआ।


इधर, एयरलाइंस अधिकारियों के मुताबिक यात्री 7 बजकर 9 मिनट पर हमारे काउंटर पर पहुंचा था। सुबह सिक्युरिटी होल्ड एरिया में काफी भीड़ भी थी। हम चाहकर भी उनकी सिक्युरिटी जांच करवाकर विमान तक नहीं ले जा सकते थे। 7 बजकर 17 मिनट तक सभी यात्री विमान में सवार हो चुके थे, इसलिए हम यात्रियों को विमान में नहीं बैठा पाए। फ्लाइट ओवर बुक होने का आरोप गलत है। वैसे भी डीजीसीए की पॉलिसी के मुताबिक 45 मिनट पहले बोर्डिंग पास जारी नहीं किए जाते हैं। हमारे स्तर पर कोई गलती नहीं हुई।


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