खतरा नहीं, लेकिन Madhya Pradesh की सियासत से Chhattisgarh में भी धड़कनें हुईं तेज
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्तास्र्ढ़ पार्टी से जुड़े नेताओं और नौकरशाहों पर आयकर के छापे के बीच मध्यप्रदेश के ताजा सियासी ड्रामे ने यहां भी नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं। प्रदेश में सत्तास्र्ढ़ कांग्रेस के पास इतना विशाल बहुमत है कि उसे हिला पाना लगभग नामुम्किन दिखता है। सत्तास्र्ढ़ पार्टी भी सरकार को लेकर निश्चिंत है। इसके बावजूद आयकर छापे की कार्रवाई ने सत्तारूढ़ कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है। कांग्रेस संगठन ही नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस कार्रवाई को सरकार को अस्थिर करने की कोशिश बता दे चुके हैं। यही वजह है कि मध्यप्रदेश में चल रहे घटनाक्रम पर न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस के नेताओं ने निगाह गड़ा रखी है।
विधानसभा में होती रही चर्चा
मध्यप्रदेश का घटनाक्रम बुधवार को विधानसभा में नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा। विधायकों के कक्ष से लेकर अफसरों के बीच भी वहां के घटनाक्रम को लेकर बात होती रही।
छत्तीसगढ़ में सबसे स्थिर सरकार
देश के सात राज्यों में इस वक्त कांग्रेस सत्ता में हैं। इनमें छत्तीसगढ़ को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई है। एक मात्र छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस अपने अकेले दम पर सत्ता में है।
यहां जोड़तोड़ की गुंजाईश नहीं
90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा में सत्ता हासिल करने के लिए 46 विधायकों का समर्थन जस्र्री है, जबकि कांग्रेस के पास 69 विधायकों का बहुमत है। भाजपा के पास महज 14 विधायक हैं। वहीं, विपक्ष में बैठी बसपा के दो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के पांच विधायक हैं। इसी वजह से राजनीतिक विशलेषकों की राय में छत्तीसगढ़ में जोड़तोड़ की कोई गुंजाईश नहीं है।
राज्यपाल से शिकायत, पीएम को पत्र
छत्तीसगढ़ में चल रही आयकर के छापे की कार्यवाही की सरकार राज्यपाल से शिकायत कर चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पूरी कैबिनेट ने राजभवन जाकर इस संबंध में बकायाद ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आयकर के छापे को असंवैधानिक और राजनीति से प्रेरित कहा। सीएम ने कार्रवाई के समय और तरीके पर सवाल उठाते हुए इसे संघीय ढांचे के लिए गहन चिंता का विषय बताया था। बघेल ने पत्र में लिखा था कि राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरा है।
भ्रष्टाचार के पैसों से गैर भाजपा शासित सरकारों को अस्थिर करने की साजिश
प्रदेश कांग्रेस संगठन के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा राज्यों में लगातार चुनाव हार रही है। पहले छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद झारखंड और महाराष्ट्र की भी सत्ता भाजपा के हाथ से निकल गई। इससे भाजपा में हताशा है। इसी वजह से अब भाजपा लोकतांत्रित तरीके से चुनी हुई राज्य सरकार को अलोकतांत्रित तरीके और भ्रष्टाचार के पैसे के दम पर अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। त्रिवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आयर के छापों के जरिये राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की गई है, लेकिन यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार को जनता का पूर्ण बहुमत और विश्वास हासिल है।