मित्रता का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण कृष्ण-सुदामा की मित्रता
उमरियापान । उमरिया पान संत बनवारी दास महाराज व संत वामन महाराज भेड़ाघाट के सानिध्य में हनुमान मदिर पचपेढ़ी में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। कथा वाचक राधेश्याम जी सातवां दिवस श्री कृष्ण सुदामा चरित्र सुनाया कृष्ण सुदामा चरित्र की कथा सुनकर श्रद्धालु भक्ति भाव विभोर हो गए। भौतिक संसार में जहां आज मित्र दुखी होता हैं और दरिद्रता को देखकर उपहास उड़ाता है। समाज के लिए भगवान श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता मे बड़ा उत्कृष्ट अनुकरणीय उदाहरण कोई और हो सकता है। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती के प्रसंगों की चर्चा की कहा कि सभी को भगवान कृष्ण से सीख लेकर उनके द्वारा किए गए कर्मों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। कृष्ण से सीख लेकर हर किसी के जीवन का कल्याण संभव है सुदामा के विषय में बताते हुए उन्होंने कहा कि हमें सुदामा और कृष्ण की दोस्ती से सीख लेनी चाहिए। किस तरह कृष्ण राजा होकर भी अपने गरीब मित्र सुदामा को नहीं भूलते। सुदामा के द्वार पहुंचने की जानकारी पाकर कृष्ण राजा होने के बाद भी नंगे पैर दौड़े-दौड़े चले आते हैं। कृष्ण सुदामा का मिलन देख पूरा राज्य अचंभित हो जाता है। हमे भगवान कृष्ण की सरलता से भी बड़ी सीख मिलती है। इस दौरान श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।