मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई से मवेशियों का होगा तुरंत उपचार
रायपुर। प्रदेश सहित राजधानी में आए दिन मवेशियों की मौत सड़क दुर्घटना में हो रही है। बीमार और घायल पशुओं के पुनर्वास के लिए छत्तीसगढ़ का प्रथम पशु गृह एवं पशु रुग्णावास (एनिमल होल्डिंग प्रिमाइसेस) अधर में लटक गया है। रायपुर के नजदीक दतरेंगा में खुल रहे इस पशु अस्पताल का कार्य महीनों से ठप है। ऐसे में बजट में घोषित 9 पशु औषाद्यालयों को पशुचिकित्सा के रूप में तब्दील करने से इन तमाम परेशानियों से खासकर मवेशियों को राहत मिलेगी। फंड के अभाव का रोना रो रहे विभागीय अधिकारियों को बेहतर सुविधा देनी होगी। इसी तरह से 5 विकास खंडों में मोबाइल चिकित्सा इकाई शुरू होने से सड़क दुर्घटना में घायल हो रहे मवेशियों का उपचार होगा।
आठ घायल मवेशियों का होता है उपचार
ज्ञात हो कि पंडरी स्थित जिला अस्पताल में फिलहाल रोजाना आठ घायल मवेशियों का उपचार किया जाता है। ऑपेरशन, अतिआवश्यक टीकाकरण, गंभीर रोगों के उपचार की बेहतर सुविधा नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार ने पहली बार पशुविभाग सेवाएं के अंतर्गत संचालित योजनाओं पर फोकस किया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में दतरेंगा पशु गृह एवं पशु रुग्णावास का भूमिपूजन हुआ। लेकिन एक साल से अधिक होने को आया अस्पताल शुरू नहीं हो पाया है।
24 घंटे मिलेगी सुविधा
मवेशियों की सड़क दुर्घटना में घायल व मौत होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। मोबाइल युनिट शुरू होने से उपचार के लिए 24 घंटे सुविधा प्रदेश भर में शुरू होगा। जिससे बीमार और सड़क दुर्घटनाओं के शिकार पशुओं की सेवा करने के लिए एनिमल होल्डिंग प्रिमाइसेस की योजना का विकास होगा। छत्तीसगढ़ में सभी राज्य और राष्ट्रीय मार्ग के किनारे हर जिले में जगह-जगह पशु गृह खोलने की जरूरत है। सड़कों पर जगह-जगह पशुओं का जमवाड़ा लगा रहता है। पशुओं के कारण होने वाले हादसों में जनहानि भी कम होगी।