नियमित प्रशिक्षण के अभाव में योजना ही फेल
छात्राओं को नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था निगम के स्कूलों में नहीं है। लिहाज, मार्शल आर्ट सीखाने का तानाबाना सिर्फ हवा-हवाई ही है। चौंकाने वाली बात है, जो हर्षा साहू के निःशुल्क ट्रेनिंग के नाम पर निगम के अधिकारी प्रशिक्षण का पैसा ही हजम कर दिए। ऐसे में मार्शट आर्ट की ट्रेनिंग ही पूरी तरह से फेल हो गई।
अधिकारियों के गोलमोल जवाब, जनप्रतिनिधि भी साधे चुप्पी
निगम के स्कूलों को मार्शल आर्ट सीखने पर खर्च होने वाली राशि का रिकार्ड सिर्फ कागजों पर ही है। इस खुलासे के बाद अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए है। उनका कहना भी है, हर्षा साहू छात्राओं को प्रशिक्षित करती हैं। लेकिन उनका कहना है कि वे तो प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में हप्ते में तीन दिन ही प्रशिक्षण देती हैं।
इन स्कूलों में इतनी छात्राएं
स्कूल छात्राएं
1-नवीन सरस्वती कन्याशाला पुरानी बस्ती 350
2-निवोदिता कन्याशाला गुरुनानक चौक 260
3-सरस्वती कन्याशला नयापारा 154
4-शशिबाला कन्याशाला गुढ़ियारी 170
5-खमतराई निगम स्कूल 83
हम लोग छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीखाने की योजना बनी है। हर साल बजट में इसका प्रावधान किया जाता है। हर्षा साहू छात्राओं को ट्रेनिंग देती हैं।
प्रमोद दुबे, सभापति नगर निगम, पूर्व महापौर
मैं तो निःशुल्क मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देती हूं। मुझे तो आज तक फूटी कौड़ी नहीं मिली। खर्च तो कुछ भी नहीं होता। लगता है कि सब कुछ कागजों पर ही चल रहा है।
- हर्षा साहू, अंतरराष्ट्रीय कराते खिलाड़ी और कोच
इसकी जानकारी लेता हूं। वास्तव में इस योजना की क्या स्थिति है।
सौरभ कुमार, आयुक्त, नगर निगम