वर्तमान तो बीत रहा है, जाने कल कैसा होगा
कटनी । गत दिवस बजरंग नगर कॉलोनी में रामखिलावन कोरी के संयोजन व गोकुल जाटव के संचालन में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। कमला यादव की अध्यक्षता व कमलेश सूर्यवंशी के मुख्य आतिथ्य में संपन्ना काव्य गोष्ठी में गीतकार बाल कृष्ण साहू ने कहा-भले ही जुबान खामोश रहे पर कलम भेद खोलती है, पढ़कर मन के भाव उसे फिर कागज पर उड़ेलती है।
गीतकार विष्णु बाजपेई ने कहा-रह रहे आज हम जहां यारों, न जमीं है न आसमां यारो। वरिष्ठ गजलकार गोकुल जाटव ने कहा-एक सवाल नहीं है पूरा दूजा कैसे हल होगा, वर्तमान तो बीत रहा है जाने कैसा कल होगा। हास्य कवि शरद जायसवाल ने कहा-प्यार का बीज सहेज के बोना चाहिए, दहेज का पलंग चार बाई चार का होना चाहिए। आभार रामखिलावन कोरी ने व्यक्त किया।